बेट विजेता पंजीकरण भारत
यह ज़मीन जागीर के रूप में होती थी, जिस पर लगान नहीं वसूला जाता था. श्री गोविंद देव जी मंदिर ट्रस्ट का पंजीकरण 29 जून, 1964 को हुआ. ट्रस्ट ने ‘राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम, 1959’ के मुताबिक अचल संपत्ति की जो सूची पेश की उसमें मंदिर के नाम किसी भी प्रकार की कृषि भूमि होने का ज़िक्र नहीं था.
अपने पत्र में उन्होंने लिखा था कि अविभाजित आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के बारे में एनवी रमन्ना की रिपोर्ट और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की टिप्पणी में समानताएं थीं. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रमन्ना ने विज्ञान और क़ानून में स्नातक की डिग्रियां हासिल की थीं. इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक ट्राइब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में क़ानून की प्रैक्टिस शुरू की.
ऐसे में यह बात गले नहीं उतरती कि उन्हें इस ज़मीन की क़ानूनी पेंचीदगियों के बारे में पता न हो. देवस्थान विभाग ट्रस्ट के रवैये से संतुष्ट नहीं हुआ और उसने 22 जून, 2011 को यह प्रकरण अग्रिम कार्रवाई के लिए ज़िला न्यायालय को भेज दिया. हालांकि यहां ट्रस्ट की यह दलील काम कर गई कि जानकारी के अभाव में गलतियां हो गईं. देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त की ओर से मंदिर ट्रस्ट के विरुद्ध सुनाया गया निर्णय.
2014 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले रवि किशन इस बार बीजेपी के टिकट पर ना सिर्फ योगी आदित्यनाथ की सीट गोरखपुर से चुनावी मैदान में उतरे बल्कि वहां उन्होंने भरी मतों से जीत भी दर्ज की. भारतीय जनता पार्टी के सांसद रवि किशन की कुछ तस्वीरें शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं. दरअसल, शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में भारी बारिश हुई. हार के बाद कोच बदलने को लेकर उठ रहे सवाल पर चौहान सीधे कुछ भी कहने से बचते रहे. उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि रवि शास्त्री कमेंट्री करते वक्त अच्छे लगते हैं. चेतन चौहान ने केंद्र सरकार की खेल नीति और खेल मंत्री की तारीफ की.
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सरकार के इशारे पर श्री गोविंद देव जी मंदिर ट्रस्ट और पतंजलि योग ट्रस्ट नए सिरे से क़रार करने को तैयार तो हैं, लेकिन उनके कदम आगे से बढ़ने से पहले ही ठिठक गए हैं. श्री गोविंद देव जी मंदिर ट्रस्ट पर सवालिया निशान पहली बार नहीं लग रहे हैं. ख़ुद देवस्थान विभाग अपनी जांच में इसकी गड़बड़ियों को उजागर कर चुका है.
राज्य सरकारों की एजेंसियों के लिए वो पैनल काउंसेल के तौर पर भी काम करते थे. मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज और अगले मुख्य न्यायाधीश बनने वाले जस्टिस एनवी रमन्ना पर आंध्र प्रदेश सरकार के प्रशासनिक कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया है. जौनपुर के बरैन निवासी रवि किशन शुक्ला आज भोजपुरी फिल्मों से लेकर बॉलीवुड और साउथ सिनेमा में एक जाना पहचाना चेहरा हैं.
रवि किशन ने जब यह देखा तो वह तुरंत रुके और बच्चों की मदद की. रवि किशन ने इस पूरे वाकये का जिक्र ट्विटर पर भी किया है. उस वक्त मुख्यमंत्री https://itekexamguru.com/betwinner-login/ और एनवी रमन्ना के पत्र सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को तीन दिन के अंतराल में मिले थे. जिस दौरान चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे उस दौरान जस्टिस रमन्ना आंध्र प्रदेश सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल हुआ करते थे. 2 फरवरी 2017 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया.
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विभाग के सहायक आयुक्त कृष्ण कुमार खंडेलवाल ने 30 जुलाई, 2010 को ट्रस्ट का निरीक्षण किया तो उन्हें यहां खूबियां कम और ख़ामियां ज़्यादा मिलीं. जानकारी के अनुसार, करौली के श्री गोविंद देव जी मंदिर के पास जागीर के तौर पर 725 बीघा से ज़्यादा ज़मीन थी. इसमें से ज़्यादातर को मंदिर प्रबंधन ने किसानों को खेती करने के लिए दे रखा था.